Safarnama – Travelogues
Mantra : Oṁ Saha nāvavatu, saha nau bhunaktu, Saha vīryam karavāvahai, Tejasvi nāvadhītamastu, Mā vidviṣāvahai, Oṁ Shāntiḥ, Shāntiḥ, Shāntiḥ Swamiji
“तुसी कि लओगे-विस्की के वोडका” एक सपना था विश्व के सबसे पुरातन अंग्रेजी भाषी यूनिवर्सिटी में पहुँचने का, उन्हें अपने
Memoirs of 2nd Yoga Festival दूसरा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पहली बार तो पतंजलि योगपीठ में कार्यरत होने के नाते दुबई
आभार यात्रा का एक मात्र प्रयोजन है कि वह हमें कम में ज्यादा का अनुभव करना सिखाती है, एक शुक्रिया
आमुख वैसे तो अनगिनत यात्रा वृतांत पर पुस्तकें उपलब्ध हैं इस दुनिया के मायामय लुभावने बाजार में, परन्तु एक भारतीयता
Chapter – 4 Memoirs of first International Yoga Day अघ्याय 4 दुबई आमंत्रण पहली जून की शाम को रैमेश टी